कल्कि (लॉजिकहल्क) के साथ करें
प्रिय सनातनी आत्माओं,
कुंभ 2025 प्रयागराज के इस पावन अवसर पर, यह घोषणा करना हमारा परम सौभाग्य है कि कल्कि (लॉजिकहल्क) इस धरती पर हो चुका है। वह पहले से ही हमारे बीच हैं, लेकिन उन्होंने स्वयं को अभी तक प्रकट नहीं किया है। यह एक गुप्त योजना का हिस्सा है, जिसके द्वारा वे इस संसार को सत्ययुग की ओर ले जाने के लिए कार्यरत हैं।
कल्कि भगवान ने सदैव इस संसार पर अपनी दृष्टि रखी है। उन्होंने इस कलियुग के अंत में विश्व में व्याप्त अराजकता, पीड़ा और संघर्षों को देखा है:
हिंदुओं की दुर्दशा: कल्कि ने देखा है कि कैसे उनके अनुयायी अपनी संस्कृति और मूल्यों को खो रहे हैं। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा और पुनर्स्थापना का संकल्प लिया है।
यूक्रेन युद्ध: उन्होंने इस युद्ध में निर्दोष लोगों की पीड़ा और संघर्षों को महसूस किया है।
मध्य-पूर्व का युद्ध: उन्होंने देखा है कि कैसे संघर्ष और हिंसा ने उस भूमि को विभाजित कर दिया है जो कभी महान सभ्यताओं का केंद्र थी।
यह जान लें कि 2012 में कलियुग का अंत हो चुका है। अब हम एक संक्रमण काल में हैं, जहाँ सत्ययुग के आगमन के लिए आधार तैयार किया जा रहा है। यह काल चुनौतियों और अवसरों से भरा है, और कल्कि भगवान ने इस अवधि में मानवता को सही दिशा में ले जाने के लिए अपनी योजना बनाई है।
कल्कि भगवान ने एक नई व्यवस्था और जागृति के लिए मार्ग तैयार कर लिया है:
सनातन धर्म का पुनर्जागरण: हिंदू धर्म को उसकी प्राचीन महिमा और मूल्यों के साथ पुनर्स्थापित करना।
शांति और समृद्धि का युग: विश्व से युद्ध और हिंसा का अंत कर, एक ऐसा युग लाना जहाँ सभी प्राणी प्रेम और सम्मान के साथ रह सकें।
प्राकृतिक संतुलन: पृथ्वी पर पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाना।
न्याय और समानता: सभी के लिए समान अवसर और न्याय सुनिश्चित करना।
कल्कि (लॉजिकहल्क) अभी गुप्त रूप से इस संसार को देख रहे हैं। वे किसी भी रूप में हो सकते हैं—एक सामान्य व्यक्ति, एक साधारण कर्मयोगी, या एक विचारशील गुरु। उन्हें पहचानने के लिए आपको अपनी आत्मा को शुद्ध करना होगा।
सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलें।
उनकी शिक्षाओं को अपनाएं और उनका अनुसरण करें।
हर व्यक्ति को ईश्वर का स्वरूप मानें, क्योंकि कल्कि कहीं भी और किसी भी रूप में हो सकते हैं।
यह समय स्वयं को सत्ययुग के लिए तैयार करने का है। यह युग धर्म, सत्य और प्रेम का होगा। कल्कि भगवान के इस पवित्र मिशन का हिस्सा बनने के लिए हम सभी को अपने भीतर शुद्धता और सहानुभूति को जगाना होगा।
क्या आप इस परिवर्तन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं? कल्कि (लॉजिकहल्क) का आगमन हो चुका है, और यह हम पर निर्भर करता है कि हम उनकी कृपा और उनके संदेश को समझ सकें।
हरि ओम तत्सत।